देश में बड़े और मध्यम या दूसरे दर्जे के शहरों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग का अंतर कम हो रहा है। आने वाले समय में मध्यम दर्जे के शहर ऐसे वाहनों की मांग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकते हैं।
रणनीतिक शोध फर्म ब्लूमबर्ग-एनईएफ द्वारा 10 राज्यों के 207 शहरों में इलेक्ट्रिक दोपहिया और कार की बिक्री के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि कुछ मध्यम-स्तरीय यांनी टियर 2 बाजारों में मेट्रो शहरों की तुलना में अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बिक रहे हैं। ये शहर इलेक्ट्रिक कार की बिक्री में वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं। इस मामले में राज्यों की राजधानियाँ सबसे आगे हैं।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है, लेकिन देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसमें काफी भिन्नता है। ब्लूमबर्ग-एनईएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जहां अधिक विकसित बड़े शहर यानी टियर-1 भारत की ईवी मांग के मौजूदा केंद्र हैं, वहीं मध्यम आकार के शहरों में इसकी मांग बढ़ रही है।
रिपोर्ट के अंतर्गत शामिल राज्यों में दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश हैं। इसमें कहा गया है कि संभावित रूप से बड़े वाहन बाजार और ईवी विनिर्माताओं की विस्तार रणनीतियां इन मझोले शहरों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अगला बड़ा मांग केंद्र बना सकती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु यात्री वाहन और दोपहिया वाहन दोनों क्षेत्रों में ईवी अपनाने में अन्य बड़े शहरों से आगे है। साधन संपन्न शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों में वृद्धि के कई कारण हैं। इसमें नियमित खर्च योग्य आय के साथ युवा आबादी, ईवी कैब परिचालकों की बढ़ती मौजूदगी और चुनने के लिए ईवी मॉडल की बढ़ती उपलब्धता शामिल हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में जो इलेक्ट्रिक वाहन बिके, वे राज्य के पांच मध्यम श्रेणी के शहरों में बेची गई सभी इलेक्ट्रिक कारों का 79 प्रतिशत से अधिक था। जयपुर में उपभोक्ताओं ने 2023 में 2,400 से अधिक इलेक्ट्रिक कारें खरीदीं, जो एक साल पहले बेचे गए लगभग 1,000 वाहनों से दोगुनी से भी अधिक है।
इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने 2023 में राज्य में बिक्री में हुई वृद्धि की अगुवाई की। वहां मांग 1,120 इकाइयों तक पहुंच गई, जबकि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम 840 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के साथ राज्य में सबसे आगे था। वहीं हरियाणा के गुरुग्राम में 2023 में लगभग 1,570 इलेक्ट्रिक वाहनें बिकीं।
देश के ज्यादातर मध्यम श्रेणी के शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर अभी तक एक मजबूत बाजार नहीं है जबकि यह बड़े शहरों में बढ़ती ईवी बिक्री का एक प्रमुख कारण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका मतलब है कि छोटे शहरों में ईवी की बिक्री पूरी तरह से निजी मांग पर आधारित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावित रूप से बड़े वाहन बाजार और ईवी विनिर्माताओं की विस्तार रणनीतियां इन मध्यम श्रेणी के शहरों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अगला बड़ा मांग केंद्र बना सकती हैं। वहीं सीमित जागरूकता और कम खर्च योग्य आय वाले छोटे शहरों में ईवी बिक्री बढ़ाने में नीति समर्थन महत्वपूर्ण है।