Sunami News / Mukesh tiwari // कृषि महाविद्यालय में मनाया गया अक्ती तिहार
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र व कृषि विज्ञान केंद्र का संयुक्त प्रयास
बिलासपुर/10 मई/2024/अक्षय तृतीया के अवसर पर कृषि महाविद्यालय बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम में पारंपरिक पूजा विधियां संपन्न की गई और प्रक्षेत्र में बीजों की बुवाई की गई। इस अवसर पर छात्रों को परंपरागत और वैज्ञानिक अनुसंधान दोनो के बीच संतुलन की सलाह दी गई।
"आज अक्षय तृतीया है, जिसे छत्तीसगढ़ में अक्ती तिहार के रूप में मनाया जाता हैं l अक्ती का यह दिन हमारी संस्कृति के साथ-साथ हमारी कृषि परंपरा में भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है l आज के दिन से ही नई फसल के लिए तैयारी शुरू हो जाती है। आज से छत्तीसगढ़ में नए युग की शुरुआत हो रही है।"
यह उद्गार डॉ. आर.के.एस. तिवारी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर ने अक्ती तिहार के अवसर पर व्यक्त किए। आपने आगे कहा कि हमारे पूर्वजों ने इस त्यौहार को धरती माता से जोड़ा है l उनका संदेश यही था कि हमारे जीवन का मूल यही माटी है l इसे हमेशा जीवंत मानते हुए उसका आदर सम्मान करना चाहिए l राज्य के समस्त अन्नदाता कृषक बंधुओं को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सभी की है l वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ तभी है जब वह किसानों के खेतों तक पहुंचे,उन्होंने किसानों को परंपरागत खेती को बढ़ावा दिए जाने और अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपरा की ओर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया l
कृषि महाविद्यालय में अक्ती तिहार के अवसर पर अधिष्ठाता डॉ. आर.के. एस. तिवारी, प्राध्यापक गण एवं कर्मचारियों ने प्रक्षेत्र में पारंपरिक पूजा विधियां संपन्न कर प्रक्षेत्र में बीजों की बुवाई की। इस महा अभियान के माध्यम से रासायनिक खादों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने का संकल्प लिया गया l
आयोजन में कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र व कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर के अधिकारी, प्राध्यापक, वैज्ञानिक गण, कर्मचारी बंधु एवं छात्र- छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे
लेखा एवं पीएफएमएस एप्लीकेशन की तकनीकी जानकारी का मिला प्रशिक्षण
बिलासपुर, 10 मई 2024/संभाग स्तरीय लेखा एवं पीएफएमएस एप्लिकेशन के तकनीकी उन्मुखीकरण के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन आज जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा भवन में किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यशाला राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा आयोजित किया गया। राज्य कार्यालय समग्र शिक्षा के वित्त नियंत्रक धीरज नसीने, सीए अमित टीबड़ेवाल, सहायक लेखा अधिकारी सीमा नायक एवं सहायक प्रोग्रामर हलधर साहू द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पिछले वर्षाें में आयी ऑडिट आपत्ति का निराकरण करते हुए आगामी वर्षाें के लेखा संधारण में सुधार किया जा सके।
वित्त नियंत्रक धीरज नसीने ने प्रशिक्षण में बैलेंस खाते के संचालन व होल्डिंग एकाउण्ट संबंधी विस्तृत जानकारी दी तथा भण्डार क्रय नियम के तहत अपनायी जाने वाली प्रक्रियाओं के बारे में बताया। पीएफएम में आने वाली समस्याओं के संबंध में चर्चा कर निराकरण करना तथा लेखा बुक संधारण के संबंध में रखी जाने वाली आवश्यक सावधानियों के बारे में जानकारी दी। सीए अमित द्वारा फाइनेंसियल मेन्यूल के बारे में तथा लेखा बुक संधारण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। मेन्युल में उल्लेखित प्रपत्र को विस्तृत रूप से समझाया गया तथा स्थायी स्कंध एवं अस्थायी स्कंध पंजी संधारण करने व उन्हें अद्यतन रखने के संबंध में एवं केश बुक लिखे जाने संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई। सहायक लेखा अधिकारी सीमा नायक द्वारा लेखा संबंधी ऑडिट आपत्ति के संबंध में चर्चा की गई। ऑडिट आपत्ति आगामी वर्षाें में न आने पाये इस तरह से लेखा संधारण किया जाए इस पर विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई। आगामी वर्षाें में लेखा त्रुटि न हो या कम हो इस संबंध में आवश्यक टिप्स दिये गये।
शहरी स्त्रोत केंद्र की लेखापाल अराधना तिवारी ने बताया कि यह प्रशिक्षण उपयोगी रहा। लेखा संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई तथा पीएफएमएस में जो कठिनाई सामने आती है। उसके संबंध में बहत ही अच्छे ढंग से प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में बिलासपुर संभाग के आठ जिले के डीएमसी, लेखापाल, विकासखण्ड स्तर से बीआरसी एवं लेखापाल तथा केजीबीव्ही के अधीक्षिका एवं लेखापाल सहित कुल 175 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण में भाग लिया।
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