सफलता की कहानी

सफलता की कहानी
साक्षात्कार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 19 अक्टूबर 2022 को (पीसीएस) उत्तर प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा 2021 के अंतिम नतीजों की घोषणा की। यूपीपीएससी-पीसीएस(यूपीपीएससी -पीसीएस) 2021की परीक्षा डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक,खंड विकास अधिकारी सहित विभिन्न पदों सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, सहायक आयुक्त (वाणिज्यिक कर), जिला कमांडेंट होमगार्ड्स, कोषागार अधिकारी/लेखा अधिकारी (कोषागार), गन्ना निरीक्षक एवं सहायक चीनी आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी उ.प्र. कृषि सेवा समूह "बी" (विकास शाखा), अधीक्षक जेल, प्रबंधक क्रेडिट (लघु उद्योग), प्रबंधक विपणन और आर्थिक सर्वेक्षण (लघु उद्योग), कार्यकारीअधिकारी ग्रेड I / सहायक नगर आयुक्त, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी / सहयोगी डीआईओएस और अन्य समकक्ष प्रशासनिक पदों, सहायक निदेशक उद्योग (विपणन), सहायक श्रम आयुक्त, सहायक आयुक्त उद्योग, सांख्यिकी अधिकारी आदि के लिए आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले 627 उम्मीदवारों में से प्रतापगढ़ के श्री अतुल कुमार सिंह ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। एम्प्लॉयमेंट न्यूज से बातचीत में श्री अतुल कुमार सिंह ने अपनी यात्रा, अनुभव और प्रतियोगी परीक्षाओं में गंभीरता के साथ तैयारी के लिए आवश्यक पहलुओं पर अपने बहुमूल्य सुझाव और विचार साझा किए। प्रश्न: कृपया संक्षेप में अपने कामयाबी भरे सफर के बारे में हमें बताएं। कितने सालों की तैयारी और कितने प्रयासों में आपने इस प्रतियोगिता परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया? अतुल कुमार सिंह:आईआईटी (IIT) - खड़गपुर से बी-टेक पूरा करने के बाद मैंने 4-5सालों तक कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम किया। फिर मैंने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में बैठने का फैसला किया। मैं 2017 में भारतीय विदेश सेवा(IFS) की अंतिम सूची में 2 अंकों से चूक गया था। फिर मैंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया। 2019 की यूपीपीएससी परीक्षा में, मैं बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) के पद के लिए चयनित होने में सफल रहा। उसी साल उत्तर प्रदेश सहायक वन संरक्षक परीक्षा में मैंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हालाँकि, मैं लक्ष्य को ऊंचा रखता था। यूपीपीएससी (UPPCS) 2021 की परीक्षा में मैंने प्रथम स्थान प्राप्त किया और मुझे पहली रैंक (डिप्टी कलेक्टर) मिली। यहां तक पहुंचने के लिए मैंने गंभीरता पूर्वक तीसरे प्रयास में यह कामयाबी हासिल की। प्रश्न: आपने किस पेपर में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए और कैसे? अतुल कुमार सिंह:अंकपत्र अभी नहीं आया है। लेकिन मुझे लगता है कि मैंने सभी पेपर की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया होगा। खासकर गणित (वैकल्पिक) में इस बार मेरे जवाब सही और सटीक रहे होंगे। मुझे यकीन है कि मैंने सामान्य अध्ययन में भी अच्छा अंक हासिल किए होंगे। मेरी रणनीति मुख्य रूप से मानक पुस्तकों काअनेको बार लगातार अध्ययन करना था और जीएस के चार पेपरों में दिए गए सभी उप-विषयों पर संक्षिप्त नोट्स तैयार करने के साथ ही स्वयं के मूल्यांकन के लिए मॉक टेस्ट पेपरों कोहल करने पर आधारित थी। गणित के लिए, मानक पुस्तकों को पूरा करने के बाद,पिछले 15सालों के यूपीपीसीएस (UPPCS)प्रश्न पत्रों को हल करना और अन्य मॉक टेस्ट पेपर देना ज्यादा अहम था। प्रश्न: क्या आपको लगता है कि अपनी मजबूत पक्ष पर अधिक ध्यान देने से बेहतर परिणाम मिलते हैं या आपको अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए? अतुल कुमार सिंह: अच्छा रैंक पाने के लिए अपने मजबूत पक्ष पर जोर देना चाहिए। इसके साथ ही यह भी अपनी कमजोरियों को भी दूर करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि कुल मिलाकर आपके अंकों में कमी न होने पाएं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें परीक्षा की तैयारी के शुरुआती दौर में अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना चाहिए और तैयारी के दौरान अपने मजबूत पक्ष को और ज्यादा बेहतर बनाना या उसमें निखार लाना चाहिए। तैयारी के अंतिम कुछ महीनों में, मुख्य जोर पूरी तरह से आपके मजबूत पक्ष पर होना चाहिए क्योंकि कमजोरी को एक निश्चित सीमा से अधिक आप नहीं सुधार सकते हैं। इसलिए कमजोरीऔर अपने मजबूतपक्ष के बीच एक अधिकतम संतुलन बनाने की आवश्यकता है। प्रश्न: क्या भाषा पर अच्छी पकड़ होने से आपको बढ़त मिलती है? अतुल कुमार सिंह: सरल और शालीन भाषा का प्रयोग करें तो वह काफी है, हालांकि व्याकरण में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। लब्बोलुआब यह है कि भारत में प्रतियोगिता परीक्षाओं को पास करने के लिए आपको शेक्सपियर या प्रेम चंद होने की जरूरत नहीं है। तथ्यों औरआंकड़ों के साथ अच्छी पाठ्य या अध्ययन सामग्री को समुचित रेखाचित्र (डायग्राम), फ़्लोचार्ट, और उद्धरण हमारे उत्तर को सरल एवं स्पष्ट तरीके से व्यक्त करने के लिए पर्याप्त से भी ज्यादा है। प्रश्न: इंटरनेट पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री परीक्षा की तैयारी के लिए स्रोत के रुप में कितना विश्वसनीय है? क्या आप कुछ विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का सुझाव दे सकते हैं? अतुल कुमार सिंह: इंटरनेट एक जरूरी स्रोत है, खासकर यदि आप खुद से अध्यापन कर रहे हैं। लेकिन हम इंटरनेट पर सूचना के अति प्रवाह या सूचना के समंदर से बहुत ज्यादा प्रभावित होने के बजाए विश्वसनीय वेबसाइट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मसलन, सरकारी विभागों या प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे थिंक टैंक और अकादमिकसे संबंधित वेबसाइटें भरोसेमंद जानकारी का अच्छा स्रोत हैं। कुछ कोचिंग संस्थान अपने ब्लॉग/वेबसाइट पर नि:शुल्क अध्ययन सामग्री का संग्रह भी प्रदान करते हैं। यहां, मैं यह खासतौर से उल्लेख करना चाहूंगा कि एम्प्लॉयमेंट न्यूज/रोजगार समाचार भी महत्वपूर्ण विषयों पर लेख प्रकाशितकरता है जो वस्तुनिष्ठ, उपयोगी सूचना/जानकारी से भरपूर और विश्वसनीय होते हैं। रोजगार समाचार (साप्ताहिक) का न्यूज डाइजेस्ट पृष्ठ समसामयकि घटनाओं की संक्षिप्त (करंट अफेयर्स ब्रीफ)जानकारी के लिए एक बेहतरीन और उपयोगी स्रोत है। प्रश्न: क्या प्रौद्योगिकी तक अधिक पहुंच रखने या उपयोग करने वाले उम्मीदवार किसी भी तरह से लाभान्वित होते हैं? अतुल कुमार सिंह: हमें प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की कला में महारत हासिल करने के लिए हाई-फाई तकनीकी विशेषज्ञ होने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, आईओटी (IoT)- इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स तक पहुँच होने से जानकारी खोजना और संसाधनों को साझा करना थोड़ा आसानहो जाता है। उदाहरण के लिए, यदि हमारे पास स्मार्टफोन है, तो हम टेलीग्राम और व्हाट्सएप समूहों में शामिल हो सकते हैं जहां समान विचारधारा वाले लोग मिलते हैं और अध्ययन सामग्री साझा करते हैं। ऐसे मंचों पर हम अपनी इच्छा से संवाद और उपयोगी विचार-विमर्श भी कर सकते हैं। प्रश्न: आपके अनुसार परीक्षा के लिए अभ्यास के सर्वोत्तम तरीके/स्रोत क्या हैं? अतुल कुमार सिंह: मेरे अनुभव के अनुसार, यूपीएससी और यूपीपीएससी दोनों के मामले में, अभ्यास का तरीका पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों (पिछले 5 से 10 वर्षों) को हल करना है। प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों द्वारा तैयार किए गए मॉक टेस्ट पेपर भी अच्छे होते हैं क्योंकि वे परीक्षा की परिस्थितियों को दोहराते हैं इससे आप अभ्यस्त हो जाते हैं।इसके साथ ही हम मॉक टेस्ट देकर प्रारंभिक परीक्षा में सही और सटीक तरीके उत्तर देने की क्षमता को विकसित करते हैं। गणित जैसे वैकल्पिक विषयों में, अभ्यास ही आपकी सटीक जवाब देने की क्षमता में सुधार लाने का एकमात्र तरीका है। यूपीपीएससी-2021 की तैयारी करते समय, मैंने लगभग 47+ टेस्ट (गणित के लिए 30 + जीएस के लिए 12 +निबंध के लिए 5) परीक्षा में हिस्सा लिया। प्रश्न: क्या आपने कोचिंग संस्थानों की मदद ली? कोचिंग का खर्च वहन करने में असमर्थ उम्मीदवारों के लिए आप मार्गदर्शन के और कौन से तरीके बताना चाहेंगे? अतुल कुमार सिंह: मेरे लिए स्वयं अध्ययन (सेल्फ स्टडी) सबसे बेहतर रही। मानक पुस्तकों के साथ कुशल और निरंतर स्वाध्याय एक अधिक लाभदायी दृष्टिकोण है। जीएस और वैकल्पिक पेपर के कठिन विषयों पर शॉर्ट नोट्स बनाएं और उन्हें कई बार दोहराया करें। प्रारंभिक और मुख्य (प्रीलिम्स और मेन्स) दोनों के लिए बहुत सारेमॉक टेस्ट का अभ्यास करें। पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। मेरे द्वारा चुने गए पेपर के लिए मैंने मुख्य रूप से जिन पुस्तकों का अध्ययन किया उसकी सूची निम्नलिखित है। • आधुनिक भारतीय इतिहास: राजीव अहीर स्पेक्ट्रम। • प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास: पुरानी NCERT 11वीं कक्षा या तमिलनाडु बोर्ड की किताबें। • राजनीति: लक्ष्मीकांत • विज्ञान और तकनीक: करेंट अफेयर्स + घटना चक्र पूर्वलोकन। • विश्व इतिहास: पुरानी एनसीईआरटी 9वीं/10वीं • अंतर्राष्ट्रीय संबंध: करंट अफेयर्स + एनसीईआरटी + राजीव सीकरी। • करेंट अफेयर्स: प्रारंभिक परीक्षा के लिए घटना सार और मुख्य परीक्षा के लिए घटना चक्र। • प्रारंभिक परीक्षा के लिए घटना चक्र- पूर्वलोकन (विशेष रूप से भूगोल, आधुनिक भारतीय इतिहास, राजनीति, पर्यावरण, जीव विज्ञान के लिए)। • मुख्य परीक्षा के लिए घटना चक्र 5-6 खंडों में करंट प्लस का स्थाई स्तंभ देता है। प्रश्न: क्या महामारी ने आपकी तैयारियों और परिणामों को प्रभावित किया? आप ऐसी अप्रत्याशित परिस्थितियों से निपटने के लिए उम्मीदवारों को कैसे सुझाव देंगे? अतुल कुमार सिंह: हम में से अधिकांश के लिए यह बेहद कठिन समय था। महामारी के दौरान मैंने अपनी मां को खो दिया। भावनात्मक उथल-पुथल के बावजूद, शांत रहना और एकाग्रता बनाए रखना ही मेरे लिए एकमात्र व्यवहारिक विकल्प था। अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहने से हमें ऐसी चुनौतियों से निपटनेकी ताकत मिलती है। प्रश्न: आपकी राय में, क्या किसी के लिए यह संभव है कि वह नौकरी करते हुए भी प्रभावी रूप से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करे? क्या कार्य अनुभव होने से उम्मीदवार को किसी भी तरह से मदद मिलती है? अतुल कुमार सिंह: यूपीएससी के लिए पहले से कार्यरत उम्मीदवारों के लिए अत्यधिक कुशल समय प्रबंधन कौशल की आवश्यकता होगी। लेकिन यूपीपीसीएस अभी भी नौकरी के साथ संभव है। बहुत लोगों ने सफलतापूर्वक इसे उत्तीर्ण किया है। यदि हम समय की कमी से निपट रहे हैं तो सर्वोत्तम नतीजे प्राप्त करने के लिए हमें अपने स्रोतों को कम करने और अध्ययन सामग्री को कई दोहराने की आवश्यकता है। कार्य अनुभव होने से इंटरव्यू आदि में मदद मिल सकती है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। जल्दी तैयारी शुरू करने वाले लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं। इसलिए यदि हम ऐसा कर सकने की स्थिति में है तो हमें जितनी जल्दी हो सकेतैयारी शुरू कर देनी चाहिए। प्रश्न: आपकी राय में, सिविल सेवा के इच्छुक उम्मीदवार, जो स्नातक की डिग्री भी ले रहे हैं, उन्हें भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी को प्राथमिकता देनी चाहिए या स्नातक स्तर पर एक पेशेवर पाठ्यक्रम का चयन करके करियर के विकल्प खुले रखने चाहिए? अतुल कुमार सिंह: यह बहुत ही व्यक्तिपरक प्रश्न है। यह आपकी योग्यता और करियर आकांक्षाओं पर निर्भर करता है। हालांकि कोई भी स्नातक की (ग्रेजुएशन) डिग्री आसान या मुश्किल नहीं होती है। यहां तक ​​किबी.ए. मानविकीकी पढ़ाई भी काफी चुनौतीपूर्ण है, बशर्ते हम सिविल सेवाओं को ध्यान में रखते हुए ईमानदारी से अध्ययन करें। हालांकि जहां तक अतिरिक्त (​​बैकअप) विकल्प का संबंध है, इंजीनियरिंग और प्रबंधन जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में थोड़ी अधिक संभावना है। मानविकी के छात्र अतिरिक्त विकल्प (बैकअप) के रूप में शिक्षण, पीएचडी आदि के लिए भी जा सकते हैं। एक ईमानदार परीक्षार्थी, जिसके पेट में आग होबड़े सपनों को हासिल करने के लिए जिंदगी में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करेगा, चाहे उसकी धारा कुछ भी हो, बशर्ते कि वह सही दिशा में कड़ी मेहनत करे। प्रश्न: तैयारी के दौरान आपको किन प्रमुख बाधाओं का सामना करना पड़ा और आपने उन्हें कैसे दूर किया? अतुल कुमार सिंह: सामाजिक दबाव एक बाधा थी क्योंकि मैं शादीशुदा था और मेरे दो बच्चे हैं। लेकिन सबसे बड़ा आईआईटी का टैग था, क्योंकि उम्मीदें कई गुना थीं। फेल होना यहां कोई विकल्प नहीं है। यदि आप सफल होते हैं, तो लोग इसे मानेंगे क्योंकि आपने एक प्रतिष्ठित संस्थान से स्नातक किया है। हर किसी की तरह, मैंने एकाग्रता और दृढ़ता बनाए रखने के लिए संघर्ष किया। फिर भी, मैं पाठ्यक्रम और पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों के आधार पर तैयारी के अपने दृष्टिकोण पर अडिग रहा। माता-पिता और जीवनसाथी जैसे अपने क़रीबी लोगों के सहयोग से भी चीज़ेंअपेक्षाकृत आसान हो जाती हैं। (ईएन टीम द्वारा साक्षात्कार)। व्यक्त किए गए विचार निजी हैं।
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