EV Three-wheelers: देश के टियर-3 और टियर-4 शहरों में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और इलेक्ट्रिक रिक्शा की मांग बढ़ रही है। व्हीकल इलेक्ट्रिकल सेक्टर को 40% उछाल का अनुमान है। चुनौतियों के बाद भी ई व्हीकल खासकर इलेक्ट्रिक रिक्शा परिवहन बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना रहा है और परंपरागत रिक्शों को सड़क से बाहर कर रहा है। कॉम्पैक्ट साइज, इजी अवेलेबिलिटी और चार्जिंग सहज होने से इलेक्ट्रिक रिक्शा ने कार्गो वाहनों की लोकप्रियता को बढ़ाया है। भारत के छोटे शहरों में आपसी कनेक्टिविटी का विकल्प बन रहे हैं। ई व्हीकल मार्केट पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में उभरे हैं। अभी इलेक्ट्रिक रिक्शा की मांग में लगभग 38-40% की की उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।
छोटे शहरों में जमा रहे पैर
ई व्हीकल ने देश के परिवहन परिदृश्य को बदल दिया है। पारंपरिक रिक्शा, जो कभी छोटे शहरों में एक छोर से दूसरे छोर तक आने-जाने का साधन होते थे, उन्हें ई रिक्शा रिप्लेस कर रहे हैं। आसानी से बैंक लोन का मिलना और गांव-गांव बिजली की पहुंच ने ई रिक्शा परिवहन को बेहतर पसंद बना दिया है। पर्यावरण के नजरिये से ई रिक्शा पारंपरिक रिक्शों को सड़कों से बाहर करने की ताकत रखता है। पारंपरिक रिक्शा चालक भी इलेक्ट्रिक रिक्शा को अपना रहे हैं। उद्योग के अनुमान बताते हैं कि इस समय भारत में 2.4 मिलियन ई-रिक्शा चल रहे हैं, जिस तरह मांग बढ़ रही है, उससे उम्मीद है ई रिक्शों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। ई व्हीकल मार्केट में ब्रांडों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं। बाजार में 70 प्रतिशत अनऑर्गनाइज प्लेयर्स की भी मौजूदगी है।
हर दिन बढ़ रहा बाजार
ईवी मार्केट के प्लेयर ई ऑटो के सीईओ का कहना है कि इलेक्ट्रिक रिक्शा और तिपहिया बाजार अपार संभावनाओं से भरा है। हालाँकि, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के बारे में जागरूकता की कमी है। कुछ क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में चुनौतियां हैं। परंपारिक रिक्शा को छोड़कर इलेक्ट्रिक रिक्शा की इंवेस्टमेंट कॉस्ट भी बड़ी वजह है, इन कारणों से बाजार में 40 प्रतिशत मौजूदगी बनी हुई है। आयुष का मानना है कि इन चुनौतियों के बावजूद देश में ई व्हीकल इंडस्ट्री 3.21 बिलियन की है।
कम लागत और फायदे का सौदा
इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के फायदे की बात करें तो चार यात्रियों को लेकर आसानी से चल सकता है। 300 से 350 किलोग्राम का भार उठाने में सक्षम है, जिससे यात्री परिवहन और माल लाने ले जाने के लिए पहली पसंद बन रहा है। इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है, चार्जिंग लागत की बात करें तो लगभग 10 पैसा प्रति किमी आती है। ऑपरेटिंग एक्सपेंसिस औसत 50 पैसे प्रति किमी से भी कम है, जो वाहन चालकों और व्यवसायों के लिए फायदे का सौदा है। इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन की स्ट्रेंथ और एफिशिएंसी के चलते उसे मार्केट में सबसे अधिक मांग वाला बना दिया है।