कुर्मी समाज ने क्वांटी फायबल डाटा आयोग की जाति जनगणना रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की किया मांग,,
राजनैतिक,सामाजिक,शैक्षणिक दृष्टि से समाज को कमजोर करने की सरकार पर साजिश का आरोप ,,
बिलासपुर। क्वांटीफायबल डाटा आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के पिछड़े वर्ग की जाति जनगणना रिपोर्ट लीक होने और कृर्मि समाज की जनसंख्या को कम व पांचवे नम्बर में दर्ज किए जाने पर कुर्मि क्षत्रीय सेवा समिति बिलासपुर ने आपत्ति दर्ज कराई है। रविवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए समाज के पदाधिकारी एवं पूर्व विधायक सियाराम कौशिक,रमेश कौशिक, डॉक्टर अरुण सिंगरौल सहित समाज के अन्य लोगों ने क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को सरकार से सार्वजनिक किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में निवासरत् कूर्मि समाज 27 फिरको में हैं। छत्तीसगढ़ में कूर्मि समाज की आबादी लगभग 29 लाख है। जबकि छत्तीसगढ़ क्वांटी फायबल डाटा आयोग द्वारा पिछड़े वर्ग की जनसंख्या जनगणना कब व कैसे की गई जिसकी जानकारी किसी को नहीं है। जबकि छत्तीसगढ़ के एक दैनिक समाचार पत्र में दिनांक 17.02.2024 को समाचार प्रकाशित किया गया है।समाज का आरोप है कि क्वांटी फायनल डाटा आयोग द्वारा पिछड़े वर्ग की जाति जनगणना में कूर्मि आबादी को कम बताना राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। ताकि राजनैतिक दृष्टिकोण से कूर्मि समाज को कम आंका जा सके और राजनैतिक सामाजिक व शैक्षणिक क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर न मिले जो कृर्मि समाज को कमजोर करने की एक साजिश है। इसे लेकर कुर्मी समाज में काफी आक्रोश है।समिति ने छत्तीसगढ़ शासन से तत्काल डाटा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है।मांग नही माने जाने पर उन्होंने प्रदेश स्तरीय आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है। इस संबंध में समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से पत्र व्यवहार किया है। भ्रामक जानकारी को अगर सरकार सही मानती है तो स्वीकार करें और रिपोर्ट सार्वजनिक करें अन्यथा प्रकाशित खबर का मुख्यमंत्री खंडन करें। समाज के लोगों ने यह भी मांग की है कि जो आंकड़े सामने लाए जा रहे हैं वह गलत हैं उसे सुधारा जाए। समाज के प्रतिनिधित्व को कमजोर करने के लिए इस तरह जनसंख्या कम दिखाकर सरकार पर समाज ने परेशान करने का आरोप लगाया है।