राम मंदिर के लिए दिया था बड़ा दान, BJP ने भेजा राज्यसभा, कौन हैं गोविंद भाई ढोलकिया,
राम मंदिर के लिए 11 करोड़ का दान
गांव को बनाया सोलर विलेज
जानिए कौन हैं गोविंद भाई ढोलकिया
Who is Govind Dholakia: भाजपा ने गुजरात के हीरा कारोबारी गोविंद भाई ढोलकिया को राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा ने गुजरात से खाली हुई राज्यसभा की चार सीटों के लिए उम्मीदवारों का एलान कर दिया है जिसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गोविंद भाई ढोलकिया, मयंक भाई नायक और जशवंत सिंह सलाम सिंह परामर शामिल हैं।
अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर को लेकर गोविंद भाई ढोलकिया ने सुर्खियां बटोरी थीं और अब उन्हें भाजपा ने राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि भाजपा के चारों उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे।
11 करोड़ का दिया था दान
राम मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ का दान देने वाले गोविंद ढोलकिया की खूब चर्चा है। कहा जा रहा है कि भाजपा ने गोविंद भाई को राज्यसभा का टिकट देकर रिटर्न गिफ्ट दिया है।
वहीं, पुरूषोत्तम रूपाला और मनसुख मंडाविया को राज्यसभा से बाहर कर दिया गया है।
राज्यसभा का टिकट मिलने पर क्या बोले गोविंदभाई?
गोविंदभाई ढोलकिया ने कहा, “भगवान की कृपा से मेरा सफर तो बहुत अच्छा रहा है। किसान परिवार से उद्योगपति बन गए। खुश परिवार मिला। अभी भी खुश हैं। ” क्या भगवान राम की आप पर कृपा रही, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “भगवान श्रीराम हमारे इष्ट देव हैं, कृष्ण भगवान भी हमारे इष्ट देव हैं।
इसलिए तो कंपनी का नाम भी राम और कृष्ण दोनों को साथ रखकर रखा गया है। 50 साल पहले कंपनी का नाम रखा। जब से मेरी समझ हुई तब से मैं राम को खास मानता हूं। इसलिए तो मैं सबको जय राम जी की बोलता हूं। राम तो मेरे हृदय में हैं। ”
गांव को भी बनाया था सोलर विलेज
गोविंद ढोलकिया मूलरूप से गुजरात अमरेली जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपने पैतृक गांव दुधाला में लगभग 850 परिवार को सोनल पैनल रूफटॉप गिफ्ट किए हैं।
इसी के साथ दुधाला देश का पहला ऐसा गांव बन गया है जो बिना किसी सरकारी सब्सिडी के 100 फीसदी सौर ऊर्जा से संचालित होगा।
गोविंद ढोलकिया ने अपनी आत्मकथा में अपने जीवन के संघर्ष का जिक्र किया है। उनकी आत्मकथा ‘डायमंड आर फॉरेवर, सो आर मोरल्स’ के नाम से प्रकाशित हुई थी। इसमें उन्होंने बताया कि डायमंड की पहली बिक्री से उन्हें 920 रुपये मिले थे।
किसान परिवार में जन्में गोविंद ढोलकिया परिवार में सात भाई बहन हैं। ढोलकिया के जीवन पर राम कथाकर मोरारी बापू के शिक्षाओं का काफी गहरा प्रभाव है।