दो दिन पहले सीएम विष्णुदेव साय अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ दिल्ली गए थे। तीनों नेताओं के रायपुर लौटने के साथ मंत्रिमंडल की चर्चा गरमा गई। इंडोर स्टेडियम में शपथ ग्रहण की तैयारी के बीच खबरें आई कि मंगलवार की शाम को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। साय कैबिनेट में 7 से 8 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं, लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब कहा जा रहा है कि 22 तारीख को मुख्यमंत्री फिर दिल्ली जाएंगे इसके बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों का नाम फाइनल होगा। इसके बाद 23 या 24 को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।
पहली बार इतना लंबा चुनावी सस्पेंस
छत्तीसगढ़ में पहली बार इतना लंबा चुनावी सस्पेंस बना हुआ है। इससे पहले 2018 में मंत्रिमंडल के विस्तार में थोड़ा वक्त लगा था। 2018 में 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आया था। 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री चुने गए भूपेश बघेल अपने दो मंत्रियों टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के साथ शपथ लिए थे। 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए नौ मंत्रियों को शपथ दिलाया गया। 2018 से पहले हुए तीन चुनावों में सीएम के शपथ ग्रहण के साथ ही अधिकांश मंत्रियों ने भी शपथ ले लिया था। 2000 में राज्य बना तब भी मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ उनके मंत्रियों ने शपथ ले लिया था। 2003, 2008 और 2013 में डॉ. रमन सिंह के साथ उनके मंत्रियों ने भी शपथ लिया था।
दावेदार विधायकों की भी सांसे हो रही ऊपर नीचे
मंत्रिमंडल के विस्तार में हो रही देर ने मंत्री पद के दावेदारों की भी बेचैनी बढ़ा रखी है। चुनाव परिणाम जारी होने के बाद कई विधायक पूरी तरह आश्वस्त थे कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। शपथ ग्रहण की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन अब जैसे-जैसे देर हो रहा है उनकी भी सांसे ऊपर-नीचे होने लगी है। अभी तक सरकार में पहुंचे तीनों ने नेता सीएम और दोनों डिप्टी सीएम नए हैं।राष्ट्रीय नेतृत्व के इस फैसले ने पुराने मंत्रियों की चिंता बढ़ा रखी है।