बलौदाबाजार। ज़िले के कसडोल विकासखंड अंतर्गत ग्राम असनीद के शिक्षा के क्षेत्र की विकास यात्रा बड़ी दिलचस्प और
प्रेरणा दायक है।
यहां मिडिल स्कूल 1972 मे स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल जी,के करकमलों से
सम्पन्न हुआ।
जिसमें आसपास के दस बारह गांव के विद्यार्थी पढ़ने आते थे।
श्री राधे श्याम पटेल सर उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर 1993 में ट्रांसफर
से आये
उन्होंने शिक्षा के विकास के लिए आदिवासी बहुल गांव वालों को हाईस्कूल खुलवाने हेतु स्कूल में आमंत्रित किया।
तत्कालीन गांव के प्रमुख सियान सालिकराम,महेत्तर दास, सालिकराम सरपंचमांगन पटेल रामचंद्र ध्रुव आदि ने
पटेल सर की सलाह को महत्व दिया और इसके लिए हरसंभव प्रयास किए।
उस समय गाँव वाले स्वयं के खर्च पर हाईस्कूल खुलवाने और मान्यता हेतु 50 हजार रूपये जमा किए।
गांव वालों ने स्थानीय फंड और आपसी आर्थिक सहयोग से यह राशि कलेक्शन किया।
हाईस्कूल खुलने से गांव में हर्ष का माहौल बना। आसपास के लोगों को भी पढ़ाई हेतु नजदीक में सुविधा मिलने लगी।इस काम में तत्कालीन विधायक कसडोल श्री गौरीशंकर अग्रवाल का सराहनीय योगदान रहा।
यह जनभागीदारी समिति द्वारा संचालित स्कूल ग्रामीणों के प्रयास से शासकीय हाई स्कूल के रूप में मान्यता प्राप्त किया।
हाईस्कूल में पढ़ाई के साथ साथ अन्य शैक्षिक गतिविधियों के क्षेत्रों में जैसे खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम,बृक्षारोपण , कम्प्यूटर शिक्षा के कारण विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव हुआ।
दो साल बाद युवा जागृति समिति के नेतृत्व और गांव वालों के सहयोग व सक्रियता से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की मान्यता मिली।क्षेत्र के विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने से स्कूल पूरे व्लाक में महत्वपूर्ण जगह बना ली।
असनीद विद्यालय में ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता, शिक्षक संघ का समारोह, जिला स्तरीय कबड्डी ,बालीबाल प्रतियोगिता आयोजित हुई।
इस विद्यालय से पढ़कर आज सैकड़ों विद्यार्थी विभिन्न शासकीय पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
आदिवासी बहुल इलाके से बेटियों का शासकीय सेवाओं में कार्यरत होना गर्व का विषय है।
ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों और नेताओं के सहयोग से यह उपलब्धि हासिल हुई।
इस प्रकार शिक्षक गण यदि तन,मन,धन से अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए काम करें, तो विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव है।
शिक्षक क्रांतिकारी बदलाव लाने में हमेशा और हर काल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और आगे भी रहेगा। गांधी जी ने ठीक ही कहा है सामुदायिक सहयोग से ही गांव का विकास संभव है।
असनीद के ग्रामीणों ने दृढ़ संकल्प से गांधी के विचार को कार्यरूप में पर्णित कर दिखाया।
इसी गांव असनींद के ही मोहल्ला मे एक स्कूल आदर्श शासकीय प्राथमिक शाला तालाब पारा है जो पूरे विकासखंड मे अपना एक अलग अनोखा पहचान रखता है जहां बच्चों की प्रतिभा देखते ही बनती है यहां बच्चों का चयन जवाहर उत्कर्ष योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, एकलव्य स्कूल, मॉडल स्कूल जैसे जगहों पर चयन होती रही है और यहां शासन द्वारा छत्तीसगढ़ स्तरीय मॉडल स्कूल के रूप में C D विडिओ भी बनाई गई थी जो काफी प्रशंसा के पात्र थे। जहां की शिक्षक श्री मुरीत राम श्रीवास (प्रधान पाठक) जन समुदाय को जोड़कर रखने व प्रतिभाओं का प्रोत्साहन मे बढ़ चढ़कर भाग लेने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आया है जिन्होंने अपने वेतन के पैसों से स्कूल की साज- सजावट, मंच निर्माण, गेट (द्वार) निर्माण एवं गरीब बच्चों का सहयोग इत्यादि में सराहनीय योगदान देते रहे हैं। इन्होंने उत्कृष्ट शिक्षक के रुप में अपनी अलग पहचान बनाई है यहां के बच्चे पालक व शिक्षक के सहयोग से प्राइवेट स्कूलों जैसे वेशभूषा से आभूषित रहतें है इसके साथ ही साथ खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम व पढ़ाई में भी अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहा है जहां की वादियां प्राकृतिक छटाओं से घिरा हुआ है आदर्श शास. प्राथ. शाला तालाब पारा असनींद स्कूल अपने आप मे एक मिसाल है।
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