पहले थी अपात्र ,पात्र बनाकर कर दी गई नियुक्त महिला बाल विकास और जनपद पंचायत का नया कारनामा.... फर्जी दस्तावेज के सहारे आंगनबाड़ी सहायिका पद में नियुक्ति का है मामला......
कसडोल। आज युवा वर्ग बेरोजगारी की मार झेल रहा है, सरकार एक पद भर्ती के आवेदन मंगाती तो हजारों युवाओं के चेहरे खिल उठते है । कही अपना नम्बर न आ जाये । उसी आस में सौकड़ो रुपया खर्चा करके आवेदित पद के आवेदन प्रस्तुत करते है।पर प्रशासन कि कुर्सी में बैठे लोग लेनदेन कर अपात्र लोगो को पात्र बनाकर नियुक्ति कर देते है, आवेदक अंतर मन से पूरी तरह टूट जाते है।
आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-02 अवराइ में सहायिका पद भर्ती के आवेदन मंगवाया गया था। जिस पर दो महिलाओं ने आवेदन प्रस्तुत किया था, जाति निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत नही करने कारण दावा आपत्ती के वक्त चुन्नी बाई के आवेदन को अपात्र घोषित कर दिया था, अचानक क्या हो गया अपात्र आवेदक की ही नियुक्ति सहायिका पद कर दिया गया जो गम्भीर सवालों को जन्म दे रही है, आखिर इस फर्जीवाड़े में अधिकारी किस कदर संलिप्त है।
सोनाखान महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत एक ऐसा मामला निकलकर सामने आया जहाँ ग्राम पंचायत अवराई के आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका पद के आवेदन 2-2-2020 को मंगाया गया था, जिसमे दो महिलाओं ने टिवंकल पटेल और चुन्नी बाई गोड़ ने आवेदन प्रस्तुत किया था, प्राप्त आवेदन अनुसार महिला बाल विकास सोनखन ने दावापत्ति सूची निकली जिसमे चुन्नी बाई के जाति निवास प्रमाण पत्र में सचिव का सील नही होने कारण अयोग्य ठहराते हुए उसे अपात्र घोषित कर दिया। चुन्नी बाई के अपात्र होने एक उम्मीदवार टिवंकल बच गयी जिनका सहायिका बनने का रास्ता साफ दिखाई दे रहा था। प्ररन्तु इसी दावाआपत्ति की बीच मे जोरदार खेल अधिकारियों ने खेल दिया, सचिव मोतीलाल निर्मलकर का फर्जी सील एवं दिनांक लिखकर पुराने तिथि का जाती निवास प्रमाण पत्र लगा दिया गया। और अपात्र उमीदवार को पत्र मानकर सहायिका पद पर आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 02 अवराई में पदस्थ कर दिया।
वही टिवंकल पटेल कहती है कि मैने सहायिका पदों के आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमे मेरा अंक अधिक था, परंतु अचानक चुन्नी बाई ने फर्जीवाड़ा करते हुए 2002 गरीबी रेखा सर्वे सूची प्रमाण पत्र अपने बड़े ससुर स्व: गिरधारी लाल का परिवार बता कर प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर दिया ।जबकि उनके ससुर का नाम दुकालू गोंड है। फर्जी प्रमाण पत्र से छः अंक अधिक मिल गया, वही चुन्नी बाई के जाति निवास प्रमाण पत्र को फर्जी तरीका बनाया गया है। मैं शासन प्रशासन मांग करती हूं चुन्नी बाई को आंगनबाड़ी सहायिका पद से बर्खास्त करते हुए, मैरिड अनुसार मुझे नियुक्ति दिया जाए। मुझे यह जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम से निकाले दस्तावेज से प्राप्त हुई है, फर्जीवाड़ा करने वाले व्यक्ति के ऊपर करवाई की मांग करते हुए मुख्यकार्यपालन अधिकारी कसडोल को मेरे पति द्वारा शिकायत किया गया है।
तत्कालीन पंचायत सचिव मोतीलाल निर्मकलर के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगना जरूरी क्योंकि जिस पंचायत में वह सेवा दे रहे वही के लोगो से अनजान बने हुए है, जबकि सचिव को पंचायती राज ग्राम पंचायत स्तर के उच्च कर्मचारी माना जाता और सचिव के बिना गांव का कोई विकास संभव नही दिखता, सभी गांव वालों से भलीभांति परिचित रहते फिर दो व्यक्ति के सम्मान पर खेल सचिव ने खेल दिया, और मामला उजागर होने पर भूलवंश प्रमाण पत्र जारी करने की बात कह रहे है। यह भूल दर्शाता की सचिव कितने लापरवाही पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे है।
सरपंच ग्राम पंचायत अवराई भागिरती पैकरा- कहते कि गरीबी रेखा सर्वे सूची 2002 प्रमाण पत्र गलत है चुन्नी बाई का बड़े ससुर गिरधारी लाल है, जबकि वास्तविक ससुर का नाम दुकालू गोड है।
तत्कालीन सचिव ग्राम पंचायत अवराई मोतीलाल निर्मकलर- ने कहा कि मेरे द्वारा गरीबीरेखा सर्वे सूची 2002 प्रमाण पत्र जारी किया जो भूलवश मैने चुन्नी बाई की बड़े ससुर गिरधारी के सर्वे सूची के आधार पर जारी कर दिया, जबकि चुन्नी का वास्तविक ससुर का नाम दुकालू गोंड़ है वही मेरे द्वारा जाति निवास प्रमाण पत्र बनाकर दिया गया था, जिसमे मैं सील लगाना भूल गया और उस प्रमाण पत्र को सहायिका पद के आवेदन में प्रस्तुत कर दिए जिससे वह अपात्र हो गया, इसके बाद जो उसी तारिक वाला दूसरा प्रमाण प्रस्तुत किया है उसे मेरे द्वारा सील नहीं लगाया गया है, कहा से सील एवं दिनांक डालकर फर्जीवाड़ा किया इस संबद्ध में मुझे जानकारी नही है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल हिमांशु वर्मा- गरीबी रेखा सर्वे सूची में जारी करने में गड़बड़ी सम्बंधित शिकायत मिली है, इस संबंध में उच्च कार्यालय को अवगत करा दिया गया है, उच्च कार्यालय के निर्देश पर गलत प्रमाण पत्र जारी करने वाले खिलाफ करवाई किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग बलौदाबाजार एल.आर कच्छप- सोनाखान परियोजना में कूटरचित प्रमाण पत्र के सहारे कोई नियुक्ति हुई है तो वह व्यक्ति कलेक्टर कोर्ट में अर्जी लगा सकते है, प्रमाण पत्र गलत साबित हो जाता तो करवाई होगा।
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