शासन की नियमों का खुले आम उड़ रही धज्जियां........ 15वें वित्त की राशियों का ऑडिट हो रहा निजी लॉज में.....ऑडिट करने के बहाने लूटा जा रहा मनमाना रकम....

शासन की नियमों का खुले आम उड़ रही धज्जियां........ 15वें वित्त की राशियों का ऑडिट हो रहा निजी लॉज में.....
ऑडिट करने के बहाने लूटा जा रहा मनमाना रकम....
कसडोल। 15वें वित्त आयोग अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदत्त अनुदान राशि के शत्-प्रतिशत् अंकेक्षण कराने कार्यालय क्षेत्रीय उपसंचालक, छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा रायपुर-1 से जारी वित्तीय वर्ष 2021-22 के 15वें वित्त योजना के अंकेक्षण कार्यक्रम अनुसार बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के अंतर्गत बिलाईगढ़ एवं कसडोल जनपद पंचायतों के ग्राम पंचायतों हेतु पृथक-पृथक अंकेक्षक (ऑडिटर) दलों का गठन किया गया है। द्वितीय चरण में दिनांक 22.05.2023 से जनपद पंचायत कसडोल के ग्राम पंचायतों का अंकेक्षण संपादित किया जा रहा है। अंकेक्षण दलो द्वारा विगत 22 मई से जनपद पंचायत कसडोल अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों को केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान 15वें वित्त की राशियों का अंकेक्षण कार्य जारी है ,पर अंकेक्षकों के द्वारा शासन के सारे नियमों को ताक में रखकर अपने सुविधानुरूप कसडोल नगर के एक निजी लॉज के बंद कमरे में रहकर किया जा रहा है जो हर किसी के समझ से परे है। जबकि उनके द्वारा अंकेक्षण कार्य या तो जनपद पंचायत भवन में किया जाता या फिर संबंधित ग्राम पंचायत भवनों में किया जाता। किंतु अंकेक्षकों (ऑडिटरों) के द्वारा अपनी मनमानी किया जा रहा है और अंकेक्षण (ऑडिट) कराने ग्राम पंचायत के सचिवों को पारी पारी रूटीन बनाकर निजी लॉज में आकर ऑडिट कराने को विवश किया जा रहा है।

ऑडिट के नाम पर वसूला जा रहा मनमाना रकम
नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर जनपद पंचायत कसडोल अंतर्गत ग्राम पंचायत के सचिवों  द्वारा बताया गया कि अंकेक्षण (ऑडिट) कार्य पर आये अंकेक्षकों (ऑडिटरों) सी पी जाटवर जेष्ठ संपरिक्षक एवं अरुण पांडेय ज्येष्ठ संपरिक्षक द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों से मनमाना रकम वसूला जा रहा है। साथ ही रकम नहीं देने पर ऑडिट आपत्ति किये जाने का धौंस भी दिया जा रहा है।
ऑडिट के नाम पर न्यूनतम आठ हजार रुपये देना किया गया है निर्धारित
यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रत्येक ग्राम पंचायतों के सचिवों से ऑडिट के नाम पर प्रथम शुल्क आठ हजार रुपये तय किया गया है । तत्पश्चात शासन से ग्राम पंचायतों को प्रदत्त अनुदान 15वें वित्त की राशियों के व्यय रकम पर एक प्रतिशत की राशि चढ़ौती के रूप में देने को बाध्य किया जा रहा है।

क्षेत्र के सरपंच एवं सचिवों से मिली उक्त जानकारी के संबंध में पक्ष जानने अंकेक्षण कार्यों में लगे अधिकारियों से मोबाईल से संपर्क किये जाने पर परिचय दिए जाने के तत्काल उनके द्वारा फोन काट दिये गये, फिर मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा करते ही मुझे घर जाना है एक सप्ताह बाद मुलाकात फुरसत से करते हैं कहते हुए अपने गाड़ी में बैठ रफूचक्कर हो लिए।

किसने क्या कहा
राज्य सरकार से आदेश आया है ,कि 15वें वित्त की राशियों का ऑडिट किया जाना है ततसंबंध में समस्त ग्राम पंचायत सचिवों को सूचना दी गई है।

मोहन पैकरा, आंतरिक लेखा एवं करारोपण अधिकारी,जनपद पंचायत कसडोल

अगर ऑडिट कार्य किसी निजी लॉज में किया जा रहा यह गलत है। मैं उनसे अभी बात करता हूँ। 

हिमांशु वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कसडोल
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