क्या BEO राधेलाल जायसवाल पद से होगें बर्खास्त या अवैध मकान पर प्रशासन की बुलडोजर चलेगी ?... गिरौदपुरी के सरपंच समेत आम नागरिकों ने कलेक्टर और DEO से की शिकायत...पढे क्या कहती है भू-राजस्व अधिनियम ?...
बलौदाबाजार । ज़िले के कसडोल विकासखंड शिक्षा अधिकारी राधेलाल जायसवाल विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं क्योंकि लगातार इन पर गंभीर और संगीन आरोप लगते जा रहे हैं चाहे वह मामला DMF फंड की हो या स्कूल की दीवालों की पुताई मामले में हो या सेवानिवृत्त शिक्षकों से पैसे मांग करने जैसा कई संगीन आरोप बीईओ पर लग चुकी है हालांकि कार्यवाही कछुआ चाल के वजह से लोगों को सही कार्यवाही देखने को नही मिल रही लेकिन जब से राधेलाल जायसवाल बीईओ पद की कुर्सी पर बैठे हैं हर महीने कलेक्टर, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, जिला शिक्षा अधिकारी से इनके नाम पर शिकायत हो रही है।
वही आपको बता दें कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर मकान निर्माण कर रखता है अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी ऐसा दुस्साहस करता हैं तो उनकी पद छीनी जा सकती है और बेदखली की कार्रवाई की जाती है, लेकिन ऐसा मामला गिरौदपुरी जो गुरु घासीदास की जन्म भूमि पर ऐसा मामला सामने आ रहा है कि बीईओ राधेलाल जायसवाल ने शासकीय भूमि पर अवैध तरीके से आलीशान मकान बनाकर बिंदास रह रहा है। तो ऐसे में इस बीईओ पर शासन-प्रशासन किस प्रकार की कार्यवाही करते है अब लोगों के मन यह हलचल पैदा हो रहा है कि पद जायेगा या उनके अवैध मकान पर बुलडोजर चलेगा? ऐसी-ऐसी कई तमाम सवाल है जो प्रशासन से लोग कर रहे हैं क्योंकि आज शुक्रवार को गिरौदपुरी सरपंच, उपसरंपच, पंच समेत आम नागरिक द्वारा शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजारचैनू सिंग ध्रुव और कलेक्टर बलौदाबाजार के पास की गई है। जिसके बाद ग्राम पंचायत गिरौदपुरी के लोगों को कार्यवाही का इंतजार है की शासन- प्रशासन बीईओ राधेलाल जायसवाल पर किस प्रकार की कार्यवाही करती है ? निलंबित, (बर्खास्त) होंगे या अवैध मकान पर बुलडोजर चलेगा? शिकायत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
पढ़ें क्या कहती है भू-राजस्व अधिनियम ?
भू-राजस्व अधिनियम की धारा-91 के मुताबिक यदि पटवारी की मौका रिपोर्ट के आधार पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण पाया जाता है तो पहली बार में अतिक्रमी के खिलाफ नियमा बेदखली की कार्रवाई की जाती है। यदि तीसरी
बार अतिक्रमण करने की पुष्टि होती है तो अतिक्रमी को तीन माह की साधारण सजा हो सकती है।
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक शिकायत के बाद बीईओ राधे लाल जायसवाल ने अपने घर के सामने लगे अपने नाम के बोर्ड हटा दी है।
DEO ने कहा- अगर ऐसा है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.....
"कोई भी कर्मचारी या अधिकारी शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा नहीं कर सकता अगर ऐसा किया गया है तो अनुशासनात्मक रुप से कार्यवाही की जाएगी। "
“चैनू सिंग ध्रुव”
जिला शिक्षा अधिकारी,बलौदाबाजार
“करीब 5 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा किया राधेलाल जायसवाल ने और पटा मिली है वह भूमि को छोड़कर अन्य 5 एकड़ में कब्जा कर आलीशान मकान निर्माण कर रह रहा है। "
“पुनीराम पटेल”
सरपंच प्रतिनिधि गिरौदपुरी
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