कसडोल।विवादों के घेरों में विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी-कर्मचारी कसडोल,एक -दूसरे पर लगा रहे हैं कई संगीन आरोप,जांच के बाद हो सकती है बहुत बड़ा खुलासा।मामला है पदों के दुरुपयोग से मलाई खाने का बात कलेक्टर तक पहुंच गई।गत दिनों प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नंदलाल देवांगन ने कलेक्टर बलौदाबाजार से लिखित शिकायत कर गंभीर आरोप विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी राधेलाल जायसवाल पर लगाया है।जहाँ 9 से10 सेवानिवृत्त हुये शिक्षकों का पेंशन बहाल नहीं करने सह अन्य कई मुद्दों से मोटी रकम वसूलने बीईओ द्वारा करने पर आरोप लगाते हुए शिकायत की गई है।वही इस बीच विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी कसडोल राधेलाल जायसवाल ने प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष नंदलाल देवांगन द्वारा कलेक्टर को की गई शिकायत का खंडन करते हुए पत्र लिखकर कहाँ है कि उक्त व्यक्ति द्वारा मेरे ऊपर की गई शिकायत और लगाये गए आरोप पूरी तरह झूठा व तत्यहीन असत्य है।बीईओ राधेलाल जायसवाल ने स्वहस्ताक्षरित पत्र में लिखा है कि नंदलाल देवांगन जो स्वयं फर्जी अंकसूची बनाकर सैकड़ो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर मोटी रकम लेकर उनको बलराम पिता पुरण लाल को अंकसूची बनाकर बेचा करता था। जिसके सहारे उनके स्वयं के भाई एवं रिश्तेदार भतीजा नंदकिशोर खेमराज देवांगन भी कुछ समय तक शिक्षक के पद पर सरकारी नौकरी कर रहे थे परंतु लगातार शिकायत होने पर वो अपने पद से इस्तीफा देकर नौकरी छोड़कर घर पर है। आज भी उन पर नियमानुसार कार्यवाही होना शेष है,जिसके आधार पर उनसे वसूली व जेल भेजे जाने कि कार्यवाही भी हो सकती है। नंदलाल देवांगन द्वारा कई शिक्षक साथियों से स्थानांतरण एवं नौकरी लगाने के नाम पर भी पैसा लिया गया है और ना ही उनका काम हुआ और ना ही पैसा वापस किया जाता है। जिसके कारण सब इनसे परेशान रहते है। ऐसा व्यक्ति जो इस तरह से फ़र्जी कार्यों में संलिप्त रहता है, और हमेशा दुसरो को परेशान करते रहता है उनको आज हमारे कार्यालय कि सक्रियता के कारण अपने फर्जी कार्यों में बाधा महशुस होता है।जिसके कारण उसके द्वारा समय- समय पर इस प्रकार की झूठी शिकायते करते रहने का आदि हो गया है। इनके द्वारा विकास खंड कार्यालय ही नहीं स्वयं अपनेआहरण संवितरण अधिकारी अपने संकुल के अन्य शिक्षक साथियों को भी परेशान किया जाता है। जिसके कारण सभी संकुल वालों के शिकायत के आधार पर उसे संकुल प्राचार्य के पद से भी हटाया गया था।उसके आचरण एवं कार्यव्यवहार मे सब परेशान है और वो स्वयं अपने कार्य सिद्ध न होता देख बौखला गया है। जिसके कारण इस प्रकार से झूठी शिकायते करते रहता है।
अतःनिवेदन है कि ऐसे अपराधिक चरित्र।व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के शिकायतों पर ध्यान न देते हुए उसके ऊपर आवश्यक कठोर कार्यवाही करने कि कृपा करें।नंदलाल देवांगन जो फर्जी अंकसूची बनाने के कारण तीन साल तक जल मे बंद था,परंतु आज भी इसके द्वारा फर्जी अंकसूचि बनाकर दिया जाता है। अभी तत्काल में एक महिला को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती हेतु अंकसूची प्रदान किया गया था। जो विभागीय जांच में पूर्णत: फर्जी निकला,उसका नाम उक्त अभिलेख में दर्ज ही नहीं है।
उक्त सम्पूर्ण मामले पर नंदलाल देवांगन से उनकी राय जानने मोबाईल से संपर्क किये जाने पर समाचार के लिखे जाने तक उनका मोबाईल बंद रहा।
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