एमपी में अस्तित्व के लिए कांग्रेस का संघर्ष सियासत के मैदान से बाहर हो चुकी है पार्टी एमपी में खत्म होने की कगार पर पहुंची कांग्रेस अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है. सूबे की राजनीति में सियासत के मैदान से कांग्रेस बाहर हो चुकी है. कांग्रेस उस राज्य में तेजी से अलग-थलग हो रही है, जो कभी उसका गढ़ माना जाता था. अब हालत यह हो चली है कि राज्य में पार्टी खत्म होने की कगार पर है।गांव की पंचायत से राज्य की विधानसभा और देश की लोकसभा तक एमपी में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता जा रहा है. बात किसी भी चुनाव की हो, हर चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस संख्याबल के हिसाब से लिस्ट में निचले पायदान पर नजर पड़ती है ताजा उदाहरण ही देख लें तो अगले साल एमपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले के सेमीफाइनल माने जा रहे पंचायत व नगरी निकाय चुनावों में भी कांग्रेस का खेल खत्म हो चुका है।एमपी में विधानसभा चुनावों के लिए सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है और शह-मात का खेल शुरू हो चला है. लेकिन उससे पहले के पंचायत चुनाव काफी अहमियत रखते हैं, मगर इन चुनावों में दूर दूर तक कांग्रेस पार्टी का नामो निशान नहीं रहा है.भाजपा का अच्छा प्रदर्शन किया. निर्दलीय प्रत्याशी भी बाजी मार गए. मगर कांग्रेस बुरी तरह से पिछड़ गई।
एमपी से लोकसभा में कांग्रेस की महज एक सीट
पंचायत चुनावों को छोड़ दें तो जो एमपी कांग्रेस का गढ़ होती थी, आज वहां से लोकसभा में महज एक सदस्य है कहने तो कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, मगर असलियत आज यह है कि कांग्रेस एमपी में अपनी पूरी जमीन खो चुकी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में महज छिंदवाड़ा कांग्रेस के खाते में आई, जहां से कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ ने जीत दर्ज की अपनी सीट जीतकर कमलनाथ की लाज बचाए रखी ज्योतिरादित्य ,अजय सिंह जैसे और अन्य बड़े धुरंधर बीजेपी की आंधी में उड़ते ही नजर आए। अब विधानसभा की बात की जाए तो अधिकतर विधानसभा क्षेत्र में ही कांग्रेस को कार्यकर्ता ढूंढे नही मिल रहे पैसे के दम में कार्यक्रम के पहले पैसे में मजदूर लेवर पार्टी को बुला कर भीड़ दिखाने की कोशिश चल रही है। पिछले चार साल से यहां के नेता राजधानी में निवासरत थे चुनाव आते ही कही कार्यक्रमो के देखे जा सकते है।कांग्रेस में आपसी फूट का फायदा भाजपा को मिलेगा। वही भाजपा विधायक राज्य मंत्री का विकाश कार्य देखा जाए तो इन चार साल में जो विकास कार्य प्रगति में है वो पिछले 66 सालों में नही हुए।मंत्री जी क्षेत्र के विकास के लिए दिन रात तत्पर है। सहज स्वभाव का फायदा भी उन्हें मिलेगा।किसी आम मतदाता या कार्यकर्ता उनसे 24 घंटे कभी भी कॉल करके बात कर सकते है