कसडोल। हर देश की तरक्की और उसका भविष्य युवा पीढ़ी नशा करने लगे तो ऐसे में उस देश को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। परंतु कुछ युवाओं को यह बात समझ में नहीं आती और वे नशे करने को बहुत अच्छा समझते हैं। यही वजह है कि आज ज्यादातर युवा गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू और शराब जैसे मादक पदार्थों से नशा करते हैं।
हालांकि हमारे देश की सरकार भी बहुत सारे नशा मुक्ति अभियान चला रही है पर फिर भी नशा करना बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि आज लोगों में कई प्रकार की भयानक बीमारियां जैसे कि मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर इत्यादि देखीं जा रहीं हैं। ऐसे में देश के लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए सभी लोगों को प्रयास करने चाहिए। लोगों को नशे से होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी देकर उनमें जागरूकता लानी होगी।
नशा व्यक्ति के बाहरी और आंतरिक शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
नशा करने के बाद व्यक्ति सही गलत में फर्क नहीं कर पाता जिसकी वजह से वह कई बार अपने साथ-साथ दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुंचा देता है।
जो लोग नशा करते हैं वो हमेशा अपने घर में झगड़े करते हैं। ऐसे में आपसी मनमुटाव और झगड़ों की वजह से कई बार लोगों का पारिवारिक जीवन नर्क बन जाता है।
नशे की वजह से व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां लग जाती है और कई बार तो उसे अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है।
जो लोग नशा करते हैं उनकी समाज में कोई भी इज्जत नहीं करता और ऐसे लोगों को कहीं पर भी काम नहीं मिलता।
नशा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास
नशा मुक्ति के लिए वैसे तो हमारी सरकार द्वारा बहुत सारे प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वो प्रयास तभी सफल होंगे जब जनता भी अपना भरपूर योगदान देगी। सरकार को चाहिए कि वह देश को नशा मुक्त करने के लिए कठोर कानून बनाए और उनका फिर कठोरता के साथ पालन किया जाए। कानून को ऐसे लोगों को माफ नहीं करना चाहिए जो नशा करते पकड़े जाएं या फिर जो लोग नशे का कारोबार करते हैं। इसके लिए हमारे देश में बहुत सारी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी हैं जो नशा मुक्ति अभियान चलाकर लोगों को जागरुक कर रही है। इसी तारतम्य में आज कसडोल विकासखंड मुख्यालय में भी शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था असनीन्द (कसडोल) एवं समाज सेवी संस्था वसुंधरा सामाजिक सेवा संस्थान द्वारा लोगों को नशा से होने वाले दुष्परिणाम की जानकारी देते हुए समाज को नशा से दूर हो कर स्वस्थ समाज बनाने प्रेरित करते हूए नगर में रैलियां निकाली गई।