सोनिया गांधी का राजनीति से संन्यास का एलान,,,

सोनिया गांधी का राजनीति से संन्यास का एलान,,,

सोनिया गांधी प्रधानमंत्री जैसे पद में दो बार दूसरे को बैठा देने वाली शादी के बाद से भारतीय नारी के संस्कृति परंपरा में रहने वाली स्त्री मतलब प्रेम, वात्सल्य, समर्पण, सहनशीलता कर्तव्य परायणता, एक शक्ति पुंज। नारी शक्ति से जुड़े इन सारे मायनों पर खरा उतरता है एक नाम वो है सोनिया गांधी। सनातन या हिन्दू परंपरा यह कहती है कि कोई भी लड़की जब विवाह के बाद अपने पिता के घर से पति के घर आ जाती है तो वह उस घर की बहू हो जाती है और उसकी डोली जहां पहुंची थी, वहीं से उसकी अर्थी उठती है। लेकिन हमारे भारत देश की एक बहू ऐसी है जिसने अपने पति के प्रेम में अपने अस्तित्व का त्याग कर खुद को बस अपने प्रेम के रंग में संपूर्ण कर लिया। जीवन में कितनी भी मुश्किलें आईं, वक्त ने कितनी ही कठिन परीक्षाएं ली लेकिन फूंक - फूंक कर कदम रख कर चलने वाली इस बहू ने जीवन में आईं उन चुनौतियों का पूरी हिम्मत से अकेले ही डट कर मुकाबला किया साथ ही परिवार की मर्यादा पर क्या मजाल है तनिक भी आंच आने दी हो। जी हां यहां हम बात कर रहे हैं इंदिरा गांधी की बहू और राजीव गांधी की पत्नी सोनियां गांधी की है। जिन्होनें एक भारतीय राजीव गांधी के साथ बकायदा सात फेरे लेकर सनातन संस्कृति की सारी परम्पराओं को निभाकर हिंदू विधिविधान के साथ सिर्फ गांधी परिवार की ही नहीं अपितु पूरे भारत देश ने उन्हें अपनी बहु माना था। लेकिन त्रासदी है यह हैं कि पिछले तीस दशकों से भारतीय राजनीति में कुछ लोग आज भी उन्हें विदेशी मानते हैं उन्हें इस देश का नागरिक मानने को तैयार नहीं है। क्या यह किसी संघर्षमय स्त्री के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं।
आपके उत्तम स्वास्थ की कामना करता हु,,,
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