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CM शिवराज के खिलाफ सरपंचों ने खोला मोर्चा,
पंचायत प्रतिनिधियों को कहना है कि हमारी जो मांगे हैं वह हमारी मांग पूर्ण हो यही हमारी पुकार है क्योंकि जो मुझे अधिकार मिला
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भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन करने जा रही है। इसमें अब विवाहित पुत्री को भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता का प्रविधान किया जाएगा।
अभी शासकीय कर्मचारी के सेवा में रहने के दौरान निधन होने पर आश्रित पति, पत्नी के अलावा पुत्र या अविवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रविधान है
सामान्य प्रशासन विभाग ने नया प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर निर्णय कैबिनेट में लिया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अभी जो प्रविधान है, उसमें यदि परिवार में विवाहित पुत्री है और स्वजन आम सहमति से उसे नामांकित करना चाहते हैं
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हालांकि जिस दिवंगत कर्मचारी की संतान केवल पुत्री या पुत्रियां हों और वह विवाहित हो तो आश्रित पति, पत्नी द्वारा नामांकित विवाहित पुत्री को आश्रित पति या पत्नी के जीवित होने पर ही अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता है।
ऐसी नियुक्ति पाने वाली पुत्री को यह शपथ पत्र भी देना अनिवार्य है कि वह आश्रित पति या पत्नी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाएगी। यही प्रविधान अब सभी के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति नियम में संशोधन करके संविदा शाला शिक्षक के स्थान पर प्राथमिक व प्रयोगशाला शिक्षक को शामिल किया है।
दरअसल, राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें भर्ती नियम 2018 में निम्नतम पद प्राथमिक शिक्षक का है।
अनुकंपा नियुक्ति नियम में निम्नतर पद संविदा शाला शिक्षक था, इसलिए नियम में संशोधन किया गया है। इससे प्राथमिक व प्रयोगशाला शिक्षक के स्वजन को भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी।
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रीवा नईगढ़ी नगर परिषद नईगढ़ी में कई माह से बंद हुआ कचरा वाहन नगरवासी परेशान,
सीएमओ से जब इसके बारे में चर्चा करने की कोशिश की जाती है तो सीएमओ मुंह मोड़ते हुए नजर आए वास्तव में नईगढ़ी
नगर परिषद में सीएमओ द्वारा कागजी कोरम पूरा करने में दिख रहे माहिर लेकिन अस्थल में कुछ और दिख रहा है
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रीवा जिले के नईगढ़ी नगर परिषद से है। जहां कई महीनों से कचरा वाहन बंद है बार्डो में कचरे
का अंबार लगना शुरू हो गया है।
यह बता दे कि 300 सौ रुपए वार्षिक की दर से प्रत्येक घरों से कचरा वाहन के नाम पर वसूली तो की जा रही है। लेकिन कचरा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है।
इस आशय की चर्चा निकाय के जिम्मेदारों से भी की गई है। लेकिन कोई सार्थक उत्तर नहीं मिल पाया।
नगर वासियों की मानें तो जब कचरा बाहन ही नहीं चल रहा तो जनता से कचरे के नाम पर वसूली क्यों यह एक बड़ा सवाल है।*