भू माफियाओं पर लगाम लगाने मे कलेक्टर फेल, जिले मे चल रहा भ्रष्टाचार का खेल,,
कलेक्टर राशन कार्ड बनवाने में व्यस्त, राजस्व अधिकारी, भूमाफिया सरकारी जमीन बेचने मे मस्त,,
श्याम पाठक ✍️
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में राजस्व अधिकारियो ने भू माफियाओं के साथ मिलीभगत कर शहर से लगी सरकारी जमीनो को इधर से उधर कर बेचा जा रहा है। कोढ़ में खाज तरह न्यायधानी के रसूखदार भू माफियाओं की प्रशासनिक पहुंच और जुगलबंदी ने जिले के राजस्व व्यवस्था को तोड़ मरोड़ कर रसातल में पहुंचा दिया है। राजस्व अधिकारी राजस्व मे इतने मेहरबान है कि शमशान से लेकर जल,जंगल, सहित सरकारी जमीन तक को नहीं छोड़ रहे है। कलेक्टर और कमिश्नर का हाल यह है कि शिकायत के बाद भी गंभीर मामले पर ध्यान नहीं देना सवाल खड़ा कर रहा है। कलेक्टर जितना राशन कार्ड बनवाने में संजीदगी दिखा रहे है यदि इतना शिकायतों पर निस्पक्ष जाँच कर कार्यवाही करने का आदेश दे तो एक दिन में ही राजस्व विभाग का कायाकल्प हो जाता। मोपका खसरा न.993/1, ज की जमीन धान मंडी के पीछे से हवा में उड़ा कर शासकीय जमीन पर भूमाफियाओं से मिली भगत कर राजस्व अधिकारियों ने बैठा दिया। शिकायत के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने 6 सदस्यीय टीम गठन कर 10 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दिया था परन्तु 20 महीने बीत जाने के बाद भी जांच अभी चल रहा है । इस पूरे मामले में क्या जांच हुई, कलेक्टर सौरभ कुमार क्यों संज्ञान नहीं ले रहे है और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियो पर कलेक्टर क्यों करवाई नहीं कर रहे है जो शासन को करोड़ों रुपये की नुकसान शासन को पहुचाई है। कलेक्टर के चूपी के पीछे क्या है राज? यह तो आनेवाला समय ही बताएगा।