चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन प्रभात कुमार ने बताया कि इस बाघ को बगहा में मारा गया है. इस अभियान के लिए खास तौर पर हैदराबाद और पटना से विशेष टीम बुलाई गई थी. उन्होंने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी पहले बाघ को पिजंरे में करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जब ऐसा देखा गया कि वह काबू में नहीं आएगा और वो आगे और भी लोगों को शिकार बना सकता है, तब ही उसे गोली मारी गई. बाघ को मारने की कार्रवाई नियम, जिसके तहत कहा गया है कि अगर ये साबित हो जाए कि जानवर अब इंसानी बस्ती में जाकर आम जनता को अपना शिकार बना सकता है, तो ही उसे मारा जाना चाहिए, के तहत किया गया है.
बता दें कि इस बाघ पर अभी तक बगहा और आसपास के इलाकों में 9 लोगों के शिकार का शक था. बीते शुक्रिवार को ही बगहा पंचायत के रहने वाले 36 वर्षीय संजय महतो का शव टाइगर रिजर्व के पास से मिला था. इससे पहले इस बाघ ने एक 12 साल के बच्चे को भी अपना शिकार बनाया था. विभाग ने प्रक्रिया के तहत बाघ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.