छत्तीसगढ़ की जनता के साथ रेलवे कर रहा है भेदभाव - अमित तिवारी,
सुनामी @बिलासपुर । छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बाद रेल प्रशासन के द्वारा लागातर यात्री गाड़ियों को बंद किया जा रहा है तो कभी कैंसिल किया जा रहा है। जिससे आम नागरिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में बद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि गंतव्य के लिए आम जनता का ट्रैन ही एक मात्र साधन है। लेकिन रेलवे के तुगलकी फरमान से नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं। रेलवे सिर्फ माल गाड़ियां दौड़ा रहे है।
सांसद जनप्रतिनिधियों के द्वारा आमजनता के तकलीफों से कोई सरोकार नही है इसलिए वे रेलवे के खिलाफ कभी आंदोलन नही करते। नागरिक मंच ने इसके पहले भी जीएम कार्यालय का घेराव किया था लेकिन कोई ठोस आस्वासन नही मिला इसलिए अब 12 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।
रेल प्रशासन द्वारा छत्तीसगढत्र के लोगों से भेदभाव पूर्वक बर्ताव किया जा रहा, इसका परोक्ष उदाहरण रेल्वे द्वारा पिछले 01 वर्ष से यात्री गाड़ियों को निरस्त किया जाना तथा ट्रेनों की घंटो घंटो लेट-लतीफ से ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों के साथ अन्याय है।
विगत 21 सितम्बर को नागरिक सुरक्षा मंच द्वारा अनता की इन कठिनाईयों को संज्ञान में लेते हुए, महा प्रबंधक कार्यालय का घेराव किया गया था, इस दौरान रेल प्रशासन ने प्रतिनिधि मंडल को चर्चा के लिये आमंत्रित किया, रेल्वे के उच्चाधिकारी ने चर्चा के दौरान इन अनियमितताओं को स्वीकार किया तथा एक सप्ताह के अंदर इन समस्याओं के निराकरण किये जाने का आश्वासन दिया था।
परन्तु आज 10 दिन से भी अधिक की समयावधि बीत जाने के बाद रेल प्रशासन की कानों में जूँ नहीं रेंग रहा है। अब जबकि रेलवे द्वारा आम जन की तकलिफों से कोई सारोकार नहीं है तब बिलासपुर की जनता को बड़े आन्दोलनों का निर्णय पड़ सकता है।
रेल आम जानता के लिए सर्वाधिक किफायती एवं सुविधाजनक यातायात माध्यम है, जिसे रेलवे अपनी आय बढ़ाने और चंद व्यवसाईयों को लाभ पहुंचाने की नियत से माल दुलाई को ज्यादा प्राथमिकता दे रहा है, कोयला लदान वाली गाड़ियों का पटरियों पर बेखौफ दौड़ना इस बात की पुष्टि करता है। माल गाड़ी को क्वीयरेंस देने के लिये यात्री गाड़ियों को घंटो घंटो एक स्थान पर रोक दिया जाता 4/6 जो कि रेल यात्रियों के लिये परेशानी का सबब बन जाता है।
आम जनता की इन्हीं परेशानियों को महशूश करते हुए नागरिक सुरक्षा मंच ने रेल प्रशासन के तुगलकी निर्णय का विरोध करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत दिनांक 12.10.2022 को अपरान्ह 12.00 बजे रेल रोको आन्दोलन किया जायेगा। गाड़ियों को कहाँ-कहाँ और कितने स्थानों पर रोका जायेगा इसकी घोषणा आन्दोलन के 03 दिवस पूर्व किया जायेगा।
इस आन्दोलन को सामाजिक संगठनों, राजनीतिक संगठनों, व्यापारी, छात्र संगठन, सहित बिलासपुर, कोरबा, चाँपा-जांजगीर, अकलतरा सक्ती, खरसिया सहित रेल रूट के आने वाले सभी रेल्वे स्टेशनों के नागरिकों का समर्थन प्राप्त है। ट्रेनों को कहाँ और कितनी जगह रोका जायेगा इस बात की घोषणा आन्दोलन के 03 दिवस पूर्व किया जायेगा।