एसडीएम ने पत्रकार को दी धमकी,, ऑडियो हुआ वाइरल,, राजस्व विभाग में मची खलबली,,

एसडीएम ने पत्रकार को दी धमकी,, ऑडियो हुआ वाइरल,, राजस्व विभाग में मची खलबली,,

@श्याम पाठक,


बिलासपुर जिले के राजस्व विभाग का सच किसी से छिपा नही है। प्रदेश का यह शायद पहला ऐसा जिला है जहाँ पीछे से जमीन हवा में उड़ कर सामने सड़क के किनारे बैठ जाती है। जीहां आपने सही सुना मोपका मे दो एकड़ जमीन खसरा न.933/1,ज है। वह धान मंडी के पीछे से हवा मै उड़ कर छोटे बड़े झाड़ के जंगल सरकारी जमीन सड़क के किनारे करोड़ों की कीमत पर बैठ गई। यही तो जादूगरों की जादूगरी है। जनता को इनकी सच्चाई दिखने का प्रयास किया तो साहेब नाराज हो जाएंगे। राजस्व विभाग की हकीकत से देश के चौथा लोकतंत्र कहलाने वाला मीडिया अक्सर रूबरू करवाता रहता है। सरकारी जमीन की बंदरबाट हो या दूसरे की जमीन को किसी और के नाम करने का, राजस्व रिकार्ड के अभिलेखों में छेड़छाड़ हो या फिर रिकार्ड दुरुस्ती के नाम पर मजबूर जनता को दफ्तरों के चक्कर लगवाने का मामला । राजस्व विभाग में पदस्थ बड़े अधिकारियों से लेकर पटवारी हमेशा से मीडिया की सुर्खियों में रहते है और यदि मीडिया इन्हें सच का आईना दिखा देते है तो साहब तिलमिला उठते है इनका गुस्सा सातवें आसमान पहुंच जाता है। यही नहीं ये साहब गुस्से में अनाप शनाप बोल कर अपना आपा खो देते है । ऐसे ही एक मामले में बिलासपुर एसडीम तुलाराम का एक ऑडियो वायरल होने के बाद से साहब खुद फिर एक बार मीडिया की सुर्खियों में आ गए है ।
 बिलासपुर एसडीएम तुलाराम भारद्वाज ने बिलासपुर प्रेस क्लब के वरिष्ठ पत्रकार को फ़ोन पर शिकायत करने के कारण धमकी दी। पत्रकार ने आडीयो रिकार्ड कर लिया है।
बता दें कि 24 अगस्त को पत्रकार ने एसडीएम बिलासपुर और पटवारी आलोक तिवारी पर थाना सरकंडा में दर्ज अपराध क्रमांक  250/2022 आरोपी भोंदूदास मामले में शासकीय ऑनलाइन रिकार्ड से चिल्हाटी के खसरा नम्बर 224/380 में दर्ज भूमिस्वामी का नाम विलोपित करके केवल डेस डेस लाइन लिखने का शिकायत पेश किया था। जिसमें एसडीएम बिलासपुर पर पटवारी आलोक तिवारी को संरक्षण देने और कोई कार्यवाही नहीं करने का आरोप भी एसडीएम पर लगाया था। 
दिनांक 26 अगस्त को शाम को पत्रकार ने एसडीएम बिलासपुर  को बाढ़ राहत प्रबंधन के बारे में जानकारी अख़बार में खबर लगाने के  लिए फ़ोन लगाया। तो एसडीएम साहब एकदम तिलमिला गए। और ऊँची आवाज़ में ज़ोर ज़ोर से अमर्यादित भाषा  का प्रयोग करते हुए पत्रकार को धमकी देने लगे। कि तुम मेरे ख़िलाफ़ शिकायत किए हो तुमको कोर्ट में घसीटूँगा। तुमको देख लूँगा। मीडिया के बारे में भी असंतुलित होकर उल्टा सीधा बोलने लगे। 
इसकी शिकायत पत्रकार ने  कलेक्टर कमिश्नर को रात को ही कर दिया  है। यहाँ पर महत्वपूर्ण बात है कि एक तरफ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल पत्रकारों के हित के लिए जायदा से जायदा काम करने का दावा कर रहें हैं। वहीं पर उनके अधिकारी पत्रकारों को ही धमकी दे रहें है। एसडीएम साहब एक बात भूल जाते हैं कि वो जनता के नौकर हैं। जनता के टैक्स के पैसों से ही सरकार एसडीएम को वेतन देती है। यदि जनता को या किसी को भी कोई गलती दिखेगी तो वह तो शिकायत करेगा । यदि एसडीएम साहब पाक साफ़ है तो धमकी देने या तिलमिलाने का क्या ज़रूरत है। शांति से  खुद जाँच कर ले या जाँच करवा लें और पाक  साफ़ हैं तो कोई दिक़्क़त ही नहीं है। पटवारी आलोक तिवारी ऑनलाइन रिकार्ड से भोंदूदास प्रकरण के साक्ष्य को धीरे धीरे मिटाते जा रहा है। और इधर पुलिस लगातार इस केस में भोंदूदास घोटाले में आरोपियों को जेल भेजते जा रही है। एसडीएम साहब पटवारी पर कारवाही करने की बजाय उल्टे पत्रकार को ही धमका रहे है। अजब है भाई यह। कलेक्टर साहब को तुलाराम भारद्वाज से क्या ऐसा प्रेम है कि इतने बड़े भोंदूदास घोटालें में एसडीएम पर खुलेआम आरोप लग रहा है उसके बाद भी उनका तबादला नहीं कर पा रहें है। क्या किसी नेता का दबाव बिलासपुर की जनता के हित से बड़ी है। आज मोपका में सैकड़ों एकड़  सरकारी ज़मीन इन अधिकारियों के कारण भू मफ़ियाओं की भेंट चढ़ गयी। इन सैकड़ों एकड़ ज़मीनों में ग़रीबों के लिए सस्ता आवास बन सकता था, अस्पताल बन सकता था, स्कूल कालेज बन सकता था, सामाजिक भवन बन सकता था जहां गरीब बेटियों की शादी शानदार ढंग से की जा सकती थी। अब हर आदमी तो विवाह भवन बुक करा नहीं सकता। 
मोपका में सरकारी ज़मीनों का बंदरबाँट करके गिनती के कुछ भू माफिया आज अरबपति बन चुके हैं। जिनके पास आज से तीस साल पहले खाने को दाना नहीं था आज वह करोड़ों के बंगलों में रहते है। यही हाल उन अधिकारियों का है जो भी मोपका लिंगियाडीह आता है वह दो ही साल में मालामाल हो जाता है। 
राजस्व विभाग के कई अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री , राजस्व ,मंत्री कमिश्नर, कलेक्टर और एसीबी में भी पेंडिंग पड़ी हुई है । लेकिन इनके खिलाफ निष्पक्ष जांच नही होने और कोई ठोस कार्यवाही नही होने के कारण इनके हौसले लगातार बुलन्द होते जा रहे है शायद यही कारण है कि जनता को धमकाने वाले साहब अब मीडिया को भी धमकाने लगे है । अब देखना होगा कि इस वायरल आडियो की निष्पक्ष जांच कब की जाती है ताकि  पत्रकार को कोर्ट में घसीटने और देख लेने की धमकी देने वाले साहब को सच का आईना दिखाया जा सके 

https://youtu.be/-R_YSE2xHFk


नोट --हम आडियो की पुष्टि नही करते है ।
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