दिल्ली विधानसभा परिसर के अंदर रात भर सत्ता और विपक्ष के विधायक धरने पर बैठे रहे। सत्ता पक्ष जहां एलजी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है तो वहीं विपक्ष के विधायक मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे को लेकर धरना दे रहे हैं। विपक्ष का कहना है जनता से जुड़े हुए मुद्दों को सदन में उठाने नहीं दिया जा रहा है और जो भ्रष्टाचारी मंत्री हैं उनको सरकार बर्खास्त करने की बजाय संरक्षण दे रही है। विपक्ष के विधायकों का आरोप है कि सरकार शराब नीति और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती है पिछले दो बार से विपक्ष की आवाज दबाते हुए उन्हें मार्शल आउट कर दिया जा रहा है।
आज भी सुबह 11 बजे से सदन की कार्रवाई चलेगी और विपक्ष की एक बार फिर जनता से जुड़े हुए मुद्दों को सदन के पटल पर उठायेगा। अगर सरकार आज भी विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश करेगा तो विपक्ष एक बार फिर जनता के मुद्दों को लेकर सदन के बाहर धरना देगा। आप ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने 2016 में खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग का अध्यक्ष रहते हुए अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलवाने के लिए दबाव डाला था।