किरण सेठी की आयु है 54 वर्ष, बीते दिनों की कई बातें रोज याद आती हैं. उनकी मां दिल्ली के राजेंद्र नगर में एक ढाबा चलाती थीं. उस समय किरण की आयु महज एक वर्ष थी. किरण ने मां के संघर्ष को देखा, ढाबे में आने वाले लोगों से स्वयं को बचाने में उनकी मां समर्थ बनी रहीं. उन्हें देखकर किरण ने भी संकल्प लिया कि वो हर लड़की की ताकत बनेंगी. अपने भाई और बहन की उत्तरदायीी उन्होंने अपने हाथों में ली. 1987 में वह दिल्ली पुलिस ...
किरण सेठी की आयु है 54 वर्ष, बीते दिनों की कई बातें रोज याद आती हैं. उनकी मां दिल्ली के राजेंद्र नगर में एक ढाबा चलाती थीं. उस समय किरण की आयु महज एक वर्ष थी. किरण ने मां के संघर्ष को देखा, ढाबे में आने वाले लोगों से स्वयं को बचाने में उनकी मां समर्थ बनी रहीं. उन्हें देखकर किरण ने भी संकल्प लिया कि वो हर लड़की की ताकत बनेंगी. अपने भाई और बहन की उत्तरदायीी उन्होंने अपने हाथों में ली. 1987 में वह दिल्ली पुलिस में आ गई और फिर स्वयं को इस समाज की सेवा से जोड़ दिया.
जी हां, हम बात कर रहे हैं दिल्ली पुलिस की लेडी सिंघम कहे जाने वाली किरण सेठी की. दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुई किरण आज श्रृद्धानंद मार्ग, कमला बाजार एरिया में पिंक वुमेन पुलिस चौकी की इंचार्ज हैं. कई अवार्ड से सम्मानित किरण का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी रेट्ज हैं. वह आठ लाख से अधिक लोगों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी हैं. हाल में महिला दिवस के मौके पर किरण को दिल्ली पुलिस उम्रक्त राकेश अस्थाना ने उनके कामों के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया. दिल्ली में पली-बड़ी हुई किरण सेठी ने महज 19 वर्ष की आयु में 12वीं पास करते ही दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही ज्वाइन किया था.
आरंभ से ही वह सेल्फ डिफेंस की इंस्ट्रक्टर रहीं. जूडो-कराटे में ब्लैक बेल्ट किरण आत्मरक्षा के साथ-साथ योगा और एरोबिक्स अभ्यास भी करवाती हैं. 1994 में उनको सिपाही से हेड कांस्टेबल, 1999 में एएसआई और साल 2020 में एसआई के लिए प्रमोट कर दिया गया. दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद किरण ने एमएसडब्ल्यू किया. इसके अलावा ह्यूमन राइट्स में पीजी करने के साथ ब्रॉड कास्टिंग में डिप्लोमा और वाईएमसीए से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई भी की. किरण बताती हैं कि वह 5000 से अधिक विद्यालयों और कॉलेजों में जाकर विद्यार्थीों को आत्मरक्षा के गुर सिखा चुकी हैं.
दिल्ली पुलिस की वह पहली महिला पुलिसकर्मी है, जिसने पुरुषों को भी सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी है. विद्यालय, कॉलेज के अलावा वह दिल्ली के सभी बड़े-बड़े हॉस्पिटल, एमएनसी, CBI और दिल्ली पुलिस जवानों के बच्चों को भी ट्रेनिंग दे चुकी हैं. इसके अलावा उन्होंने दृष्टि बाधित, मूक बधिर, मानसिक अशक्त बच्चों को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाए. उनके इस काम के लिए उनकी खूब सराहना हुई. साल 2015 में किरण का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में रेट्ज किया गया. इस मौके पर उस समय गृहमंत्री रहे राजनाथ सिंह उपस्थित थे.
साल 2016 में दिल्ली महिला इनकमोग ने किरण को 'लाइफ टाइम अचीवमेंट', साल 2018 में 'आई वूमेन ग्लोबल अवार्ड' साल 2019 में 'रक्षक अवार्ड' साल 2020 में राष्ट्रपति पुलिस पदक और इससे पूर्व साल 1999 में दिल्ली पुलिस की ओर से असाधारण काम पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. 'किक बॉक्सिंग' की खिलाड़ी रही किरण ने साल 1999 में हिंदुस्तान का अगुवाई किया था. प्रतियोगिता में उनको दूसरा जगह प्राप्त हुआ था. किरण बताती हैं कि उनका जीवन का लक्ष्य ही समाज सेवा है. वह मरते दम तक लोगों की सेवा करना चाहती हैं.